ऋतिक और दीपिका की ‘फाइटर’ के किसिंग सीन पर बवाल! IAF विंग कमांडर ने भेजा लीगल नोट‍िस !

‘Fighter’ Movie विवाद की व्याख्या

Fighter Controversy
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बॉलीवुड फिल्म ‘फाइटर’ को लेकर हाली में विवाद ने तीखी बहस छेड़ दी है और पूरे देश में इसे लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। एक साहसिक कदम में, जिसने भारतीय वायु सेना (IAF) समुदाय को विवेचना कर दिया, अभिनेता ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण ने भारतीय वायुसेना की वर्दी में एक kissing को दर्शाने वाले एक विवादास्पद दर्शाया के बाद खुद को एक तूफान के केंद्र में पाया।

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IAF विंग कमांडर ने भेजा लीगल नोट‍िस

फिल्म के निर्माता और निर्देशक सिद्धार्थ आनंद के साथ ही, ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण को भी यह नोटिस भेजा गया है। फिल्म में उनके इस सीन को लेकर विवाद उठा है क्योंकि यह वायुसेना के यूनिफ़ॉर्म का मानहानि माना जा रहा है।

फाइटर पर क्या आरोप लगे हैं?

बॉक्‍स ऑफिस पर 12 दिनों में वर्ल्‍डवाइड 300 करोड़ रुपये कमाने के बाद अब फिल्‍म पर विवाद गहरा सकता है। वायुसेना के अधिकारी सौम्यदीप दास ने इस विवाद को और भी गहरा किया है जब उन्होंने कहा कि यूनिफ़ॉर्म केवल एक साधारण कपड़ा नहीं है, बल्कि यह देश की रक्षा के लिए त्याग, अनुशासन, और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने मांग की है कि फिल्म में इस सीन को हटाया जाए और फिल्मकारों ने जवानों और वायुसेना से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा है।

IAF के इस स्टैंड के बाद

वायुसेना के इस स्टैंड के बाद, फिल्म के निर्माताओं को नजरें भरनी पड़ी है। उन्हें जागरूक होना चाहिए कि फिल्म निर्माण के प्रोसेस में यह संवेदनशील मुद्दा शामिल नहीं किया गया है और इसने किसी भी सामाजिक वर्ग को ठेस पहुंचाई है। इसे हल किया जाना चाहिए ताकि फिल्म उद्योग और सेना के बीच किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके।

रितिक और दीपिका का साहसिक कदम

इस सीन में ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण IAF की वर्दी में एक-दूसरे को किस करते दिखाई दे रहे हैं। इस सीन के कारण विंग कमांडर ने फिल्‍म के डायरेक्‍टर सिद्धार्थ आनंद के साथ ही ऋतिक और दीपिका को भी मानहानि का कानूनी नोटिस जारी कर दिया है।

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ऋतिक और दीपिका की ‘फाइटर’ के किसिंग सीन पर बवाल

यूनिफॉर्म के महत्व को कैसे समझा जाता है

फिल्म उद्योग और सेना के बीच यह विवाद एक महत्वपूर्ण बात है जिसे हल करना आवश्यक है। फिल्मकारों को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ काम करते हुए यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनकी क्रिएटिव लाइसेंस सेना या किसी अन्य सामाजिक संगठन को ठेस पहुंचाने के लिए कभी भी नहीं प्रयोग की जानी चाहिए। इसे समझना महत्वपूर्ण है कि यूनिफॉर्म के महत्व को कैसे समझा जाता है, और इसका उपयोग किसी भी अनौपचारिक उद्देश्य के लिए किया जाना गलत है।

फिल्म उद्योग को इस मामले में गंभीरता से लेना चाहिए। वह वायुसेना के साथ सहयोग करते हुए समस्या का समाधान करने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए। इसके अलावा, सामाजिक मीडिया के माध्यम से भी लोगों को यह समझाना चाहिए कि सेना की यूनिफॉर्म का महत्व क्या है और इसका सम्मान कैसे किया जाना चाहिए।

इस विवाद को सुलझाने के लिए

सभी पक्षों को सहयोग करना चाहिए और समाधान के लिए एक संरचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। इससे न केवल वायुसेना के साथ संबंध मजबूत होंगे, बल्कि फिल्म उद्योग की भी छवि में सुधार होगा। एक समर्थनीय और सामाजिक फिल्म उद्योग के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि वे समाज के साथ समर्पित और समझदारीपूर्ण तरीके से काम करें।

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