भारत के साथ विवाद के बीच सस्ता हुआ मालदीव यात्रा पैकेज
मालदीव और भारत के बीच बढ़ रहे विवाद के कारण पर्यटन सेक्टर में गिरावट आई है, जिससे यहां की अर्थव्यवस्था को खतरा हो रहा है। नई सरकार के आने के बाद से ही मालदीव ने भारत के प्रति अपने रुख को बदल लिया है और इसका प्रतिक्रियात्मक परिणाम इस समय के विवाद में दिखाई दे रहा है।
विवाद के एक पहलुओं में, मालदीव में पैकेज योजनाएं गिराई गई हैं, जिससे पर्यटकों को कम खर्च में देश घूमने का मौका मिल रहा है। 55 हजार से 70 हजार रुपये के पैकेज का मूल्य 45 हजार रुपये तक कम कर दिया गया है और फाइव स्टार पैकेज में भी 50 हजार रुपये की कमी हुई है। यह कदम पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास हो सकता है, लेकिन इससे भारत-मालदीव रिश्तों में गहरा विवाद उत्पन्न हुआ है।
मालदीव में नई सरकार के आने के बाद, भारत के प्रति उनका विरोधी रुख सामने आ रहा है। इसका सीधा संबंध है चीन के साथ, जिसे मालदीव के राष्ट्रपति ने समर्थक माना जाता है। चीनी नेता मोइज्जू चीन के समर्थक के रूप में मालदीव पहुंचे थे, जिससे भारत को और भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
मालदीव के युवा मामलों के मंत्रालय के तीन उप मंत्रियों ने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियां की हैं। इस टिप्पणियों के बाद, दोनों देशों के बीच के विवाद में और भी तनाव बढ़ा है। इससे यहां की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो रहा है।
मालदीव पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल मात्र दो लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का दौरा किया था। पिछले दो सालों में यह संख्या 4.5 लाख से भी ज्यादा बढ़ गई है। यहां का पर्यटन सुंदर समुद्र तट, सफेद समुद्र और सुपरिचित कोरल रीफ के लिए प्रसिद्ध है, जो भारतीय पर्यटकों को खींचता है।
हालांकि, विवाद के कारण, इस खूबसूरत द्वीप समृद्धि के लिए भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी हो रही है। पैकेजों में की गई गिरावट के बावजूद, पर्यटकों के बीच में इस बदलते रुख के कारण भी पर्यटन सेक्टर को असर पड़ रहा है।
युवा मामलों के मंत्रालय के तीन उप मंत्रियों की टिप्पणियों में व्यक्त की गई तीखी भाषा ने भारतीय सरकार को भी चुनौती दी है। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच के संबंधों में एक नया मोड़ आया है और विवाद ने इसे और भी जटिल बना दिया है।
इस समय, सबसे महत्वपूर्ण है कि दोनों देश शांति और समझदारी की दिशा में कदम उठाएं ताकि यह विवाद बिना किसी अधिक बढ़ोतरी के समाप्त हो सके और दोनों देशों के बीच के सामंजस्य को बनाए रखा जा सके। विवादों के बावजूद, भारत और मालदीव के बीच के सांबंधों को मजबूत करने के लिए सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बनाए रखना चाहिए।
By: Sumit
india